बात से मन हल्‍का होता है

Friday, April 24, 2009

एक पत्र सांसद धर्मेंद्र के नाम


एक बीकानेरवासी का यह पत्र बिना किसी कांटछांट के ब्लॉग पर समर्पित है।

आदरणीय धर्मेंद्र जी
सादर नमस्कार।
मैं बीकानेर का निवासी हूं। शायद आपकी स्मृति में होगा कि बीकानेर राजस्थान का एक शहर है। तेरह लाख मतदाताओं वाला लोकसभा क्षेत्र है। आपको यह भी याद होगा कि क्षत्रिय सहित अनेक फिल्मों की शूटिंग आपने इसी बीकानेर में की। यह तो आपका अवश्य पता होगा कि यहां एक नहीं बल्कि दो मंदिरों में सिर्फ और सिर्फ आपके चित्र है। सुबह शाम आपके प्रशंसक आपकी पूजा अर्चना करते हैं। निश्चित रूप से यह आपकी अदाकारी की उपलब्धि है कि लोगों ने आपको इस हद तक स्नेह दिया। आपने भी उनके स्नेह को पूरा 'केशÓ किया है। फिल्म की शूटिंग करते करते आपने यहां सांसद रोल की भी शूटिंग कर डाली। इन दिनों 'रियलिटी शोÓ का जमाना है लेकिन आपने सांसद के रूप में जो रियलिटी शो किया वो बकायदा चिंताजनक है। अगर सभी कलाकार ऐसे ही रियलिटी शो करते हरे तो इस देश की संसद का क्या होगा। आप बीकानेर तो आए लेकिन कुछ ही दिनों में इसे भूल भी गए। मैं उस वक्त वहीं था जब आप बीकानेर के पोलिटेक्निक कॉलेज में परिणाम घोषित होने के साथ ही अपनी गाड़ी में बैठकर हाथ हिलाते रवाना हो गए। चुनाव प्रचार में तो आप खुली गाड़ी में घूमे लेकिन जीत का प्रमाण पत्र मिलते ही बंद गाड़ी में रवाना हुए। तब से अब तक आपका दर्शन महज पांच-छह बार ही बीकानेरवासियों को हुआ। वो भी मीडिया या फिर प्रमुख लोगों को। धर्मेंद्र जी मुझे याद है कि बीकानेर रेलवे स्टेशन के सामने एक बड़ा सा होर्डिंग लगा था। एक तरफ लिखा था 'मेरा गांव मेरा देशÓ दूसरी तरफ लिखा था बीकानेर। आपका आदमकद चित्र था। मैंने सोचा आपने बीकानेर को ही अपना गांव और देश मान लिया। हकीकत तो बाद में पता चला कि वो आपकी एक फिल्म का नाम मात्र था और बीकानेर की भोलीभाली जनता ने उसे कुछ और समझ लिया। बताया जाता है कि आपने संसद में एक भी प्रश्र नहीं किया। आप सच में महान है। क्यों इतना कष्ट किया कि दो चार बार संसद में भी चले गए। बीकानेर की जनता का आपको नमन। इन चुनावों में आप दिखाई नहीं दे रहे। सीट अब आरक्षित हो गई इसलिए या फिर आप यहां चेहरा दिखाने लायक नहीं रहे। जिस तरह फिल्म के अंत में हर कलाकार अपने गलत कार्य को स्वीकार लेता है, ठीक वैसे ही आप सोचे और गलत लगे तो साथी फिल्म कलाकारों को भी कहें कि इस तरह किसी लोकतंत्र का अपमान नहीं करे। आपका ही बेचारा मतदाता

3 comments:

राजीव जैन said...

अब तक का सबसे घटिया अभिनेता राजनेता सिदध हुआ है धर्मेंद्र।
हमारा सलेक्‍शन खराब है, हमने ही उन्‍हें सिर आंखों पर बिठाकर संसद तक पहुंचाया।

अब सावधान रहें अर्जुन और रेवत में से जो बेहतर हो उसे ही चुनें।

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

हे भाई देखिए, आदरणीय धर्मेन्द्र जी को मैं इसके लिए बिलकुल दोषी नहीं मानता. असल ग़लती आपकी है. आपको परदे वाला नेता चाहिए था ना! चमकने-मटकने वाला. ग्लैमरस. ई कहां लिखा है कि जो ग्लैमरस होगा ऊ काम करेगा. आपको अपने बीच का कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था कि आप उनको चुने? आंय. अब चुन लिए हैं त भुगतिए.

Vinay purohit said...

really dharmendra ji ne to bikaner ke sath bahut bada dhokha kiya. par ab janta bhi samajh gayi hai ki in ke jaise netayon ya badi shakhseeyat ki bajaay sthaneeya pratyashiyon ko hi vote diya jana chahiye. dharmendra ho ya govinda dono hi abhineta achchhe neta nahi ban sake aur janta ko niraash kiya. isi kaaran in dono ko inki apni parties ne is baar kahi ka ticket nahi diya.