बात से मन हल्‍का होता है

Tuesday, July 21, 2009

कौन कसाब, कैसा कसाब ?


ये कसाब कौन है ? हम किसी कसाब को नहीं जानते। हिन्‍दूस्‍तान की सरकार अपने ही किसी व्‍यक्ति को कसाब का नाम देकर पाकिस्‍तान को बदनाम कर रही है। ...... आज से कुछ समय बाद ही पाकिस्‍तानी सरकार के शब्‍द कुछ ऐसे ही हो सकते हैं। यह हालत ठीक वैसी है जब बाप यह नहीं मानता कि उसकी औलाद बिगड़ चुकी है, पड़ौसी अपने घर में की गई गुस्‍ताखी के प्रमाण भी रख दे तो मानते नहीं और जब खुद बिगड़ी औलाद ही कह दें कि हां मैने पड़ौसी के घर बदमाशी की है तो बाप बेटे को पहचानने से इनकार कर देता है। पाकिस्‍तान के साथ अब तक के अनुभव से साफ है कि कसाब के आतंकवादी होने के साथ ही पाकिस्‍तानी होने की सच्‍चाई स्‍वीकारने के बाद भी पाकिस्‍तान आतंकवाद के खिलाफ कुछ नहीं करेगा। या यूं कहें कि कुछ भी नहीं कर सकेगा। दरअसल पाकिस्‍तान के हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि वो खुद ही कुछ नहीं पा रहा। अब तक आतंककारी हमलों में पाकिस्‍तान सरकार आतंककारी संगठनों का सहयोग करती आ रही है और वो दिन दूर नहीं जब इन हमलों में आतंककारी पाकिस्‍तानी सरकार का सहयोग करेंगे। हां, संभव है कि पाकिस्‍तान में सेना से ज्‍यादा संख्‍या आतंककारियों की हो जाए। परवेज मुशर्रफ जैसे हुक्‍मरानों ने पाकिस्‍तान को इस हालत में पहुंचा दिया है कि उसे पटरी पर आने में सदियां लग जाएगी। इस देश में आतंकवाद आज का नहीं है। जब से जन्‍म हुआ तब से बिगड़ा हुआ था। जियाउल हक से लेकर बेनजीर भुट़टों की मौत को युवा पीढ़ी ने देखा है तो उससे पहले की मौत और मौत की सजा पाकिस्‍तानी सरकार के लिए खिलौना साबित हुई।

अब कसाब के मुंह से पाकिस्‍तानी होने का बयान सुनकर गुप्‍तचर एजेंसियों को भी विशेष उत्‍साहित नहीं होना चाहिए। इन्‍हीं एजेंसियों ने एक बार नहीं बल्कि दर्जनों बार साबित कर दिया कि आतंककारी घटनाओं में सिर्फ और सिर्फ पाकिस्‍तान का हाथ है। कुछ माह पहले एनडीटीवी पर एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय गुप्‍तचर एजेंसियों के सेवानिवृत अधिकारियों ने अनेक मामलों में पाकिस्‍तान के हस्‍तक्षेप को स्‍पष्‍ट किया। इसके बाद भी हम क्‍या कर सके। हमारे प्रधानमंत्री आज भी पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री से मिलने को बेताब रहते हैं। आखिर वो दिन कब आएगा जब पाकिस्‍तान में कसाब पैदा होने बंद हो जाएंगे। शायद कभी नहीं क्‍योंकि कोई भी वैज्ञानिक 'कुत्‍ते की पूंछ सीधी करने में सफल नहीं हो पाया' जिस दिन पूंछ सीधी हो जाएगी, उस दिन पाकिस्‍तान भी सुधर जाएगा।